होशियारपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए फंड्स की की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी:-सांसद राजकुमार चब्बेवाल
मुख्यमंत्री पंजाब सरकार के कुशल नेतृत्व में लोकसभा क्षेत्र होशियारपुर को 22 करोड़ 65 लाख रुपये मिले
होशियारपुर:(TTT) 15वें वित्त आयोग ने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए होशियारपुर लोकसभा क्षेत्र को 22 करोड़ 65 लाख रुपये की राशि जारी की है। इस राशि का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे में सुधार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों और जल आपूर्ति जैसी सुविधाओं को सशक्त करना है। सांसद राजकुमार चब्बेवाल ने इस फंड की घोषणा करते हुए कहा कि यह राशि होशियारपुर क्षेत्र के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि चब्बेवाल को 2 करोड़ 86 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है।
दसूहा विधानसभा क्षेत्र: दसूहा को 2 करोड़ 76 लाख रुपये मिले हैं।होशियारपुर विधानसभा को 1 करोड़ 2 लाख रुपये की राशि दी गई है।मुकेरियां विधानसभा क्षेत्र 2 करोड़ 83 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।शाम चौरासी के विकास के लिए 2 करोड़ 92 लाख रुपये की राशि जारी की गई है।उड़मुड़ को 2 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि दी गई है। श्री हरगोविंदपुर साहब, भुलत्थ और फगवाड़ा इन तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 5 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।इसका उपयोग ग्रामीण सड़कों के निर्माण, जल आपूर्ति की समस्याओं के समाधान और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा। इसके अलावा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए भी इस राशि का उपयोग होगा।सांसद राजकुमार चब्बेवाल ने कहा यह राशि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। 15वें वित्त आयोग द्वारा जारी इस फंड से न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि इन क्षेत्रों में जीवन स्तर भी बेहतर होगा। सरकार की यह योजना ग्रामीण इलाकों को मुख्यधारा में लाने और स्थानीय नागरिकों की सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।सरकार की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है।ग्रामीण क्षेत्रों में इस राशि का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक इकाइयों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि विकास कार्यों का सही तरीके से क्रियान्वयन हो सके।