

नई दिल्ली/जम्मू-कश्मीर (बजरंगी पांडेय ):
पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, इस हमले में 27 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हमले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच की जिम्मेदारी संभाल ली है।

यह हमला एक बार फिर इस बात की गवाही देता है कि देश में आंतरिक सुरक्षा को लेकर जनसहयोग कितना जरूरी है। आतंकवाद से लड़ने में सिर्फ सुरक्षाबलों की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह संदिग्ध गतिविधियों पर सतर्क नजर रखें और समय रहते पुलिस या सेना को सूचित करें।
उदाहरण के तौर पर जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को देखें, तो वह अक्सर किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षाबलों को देते हैं, जिससे कई बड़ी घटनाओं को टाला जा सका है। उनके इस सहयोगात्मक रवैये ने वहां की सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया है।
पंजाब, जो कि जम्मू-कश्मीर के साथ सीमा साझा करता है, उसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां के नागरिकों को भी अधिक सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता है।
चूंकि आतंकियों द्वारा पंजाब को प्रवेश द्वार की तरह इस्तेमाल किए जाने की संभावना रहती है, ऐसे में हर नागरिक की भूमिका बेहद अहम हो जाती है।
पुलिस और प्रशासन लगातार आम जनता से अपील कर रहे हैं कि अगर किसी को अपने आस-पास कोई भी व्यक्ति या गतिविधि संदिग्ध लगती है, तो वह बिना समय गंवाए पुलिस से संपर्क करें। आज समय की मांग है कि हम सभी सजग नागरिक बनें और देश की सुरक्षा में अपना योगदान दें।
संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देना कोई डर की बात नहीं, बल्कि यह एक जिम्मेदार नागरिक होने का प्रमाण है। हमें समझना होगा कि देश की सुरक्षा सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं, हमारे मोहल्लों और गलियों में भी शुरू होती है।
🔴 देश के हर नागरिक से अपील:
➡️ किसी भी संदिग्ध वस्तु, व्यक्ति या गतिविधि को नजरअंदाज न करें।
➡️ तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम, स्थानीय थाना के हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी दें।
➡️ समाज को सुरक्षित बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
यह लड़ाई अकेले सुरक्षाबलों की नहीं, हम सबकी है। मिलकर साथ चलना ही देश को आतंकवाद से मुक्त कर सकता है।
