क्वेटा हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती, हाई अलर्ट पर कई शहर
(TTT) पाकिस्तान: क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए इस भीषण सुसाइड अटैक के बाद पाकिस्तान के कई प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने रेलवे स्टेशनों, बस टर्मिनलों, और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। इस हमले के बाद पूरे देश में डर और अनिश्चितता का माहौल है। क्वेटा के सिविल अस्पताल और अन्य मेडिकल सेंटर में घायलों का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों की हालत गंभीर है और मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है। अस्पतालों में खून की कमी के चलते स्थानीय लोगों से रक्तदान की अपील की जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना जोरदार था कि आस-पास की इमारतों के शीशे टूट गए और स्टेशन पर भगदड़ मच गई। एक यात्री ने बताया, “हम ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तभी अचानक जोरदार धमाका हुआ। चारों तरफ धुआं ही धुआं था। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। यह नजारा बेहद भयावह था।”सुरक्षा बलों ने क्वेटा के कई इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक उपकरण अत्याधुनिक थे। एजेंसियां इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं इस हमले के पीछे किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन का हाथ तो नहीं है। पाकिस्तान के गृह मंत्री ने एक बयान में कहा है कि आतंकवादियों को कड़ा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।” इसके साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। क्वेटा और अन्य शहरों में लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। कई जगहों पर लोगों ने सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आए दिन होने वाले आतंकी हमलों से आम नागरिकों की जान खतरे में है और सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए। भारत, अफगानिस्तान, और अन्य पड़ोसी देशों ने इस हमले की निंदा की है और पाकिस्तान के लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “हम इस कठिन समय में पाकिस्तान के लोगों के साथ हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह समर्थन करते हैं।”विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा नीति में बड़े बदलाव करने की जरूरत है ताकि इस तरह के हमलों को रोका जा सके। सेना और सुरक्षा एजेंसियों को अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करना होगा ताकि आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। इस हमले ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ जंग अभी खत्म नहीं हुई है। आने वाले दिनों में सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की क्या रणनीति होगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।