संत सतविंदरजीत हीरा ने मानहानि के लिए चेयरपर्सन कमलेश कौर घेड़ा को दिया कानूनी नोटिस
होशियारपुर, 18 दिसम्बर (TTT) संत सतविंदरजीत हीरा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया आदि-धर्म मिशन (रजि.)भारत ने मिशन की चेयरपर्सन कमलेश कौर घेड़ा द्वारा उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से बर्खास्त करने और सोशल मीडिया और अखबारों के जरिए झूठे आरोप लगाने के मामले में मानहानि के लिए एडवोकेट सी.एल. पवार, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ के माध्यम से नोटिस भेजा है। इस नोटिस में सी.एल. पवार, पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल पंजाब ने संत सतविंदर सिंह हीरा की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बर्खास्तगी को पूरी तरह से गैर कानूनी, मनमानी और सोसायटी के नियमों और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ करार देते हुए इस कानूनी नोटिस के जरिए चेयरपर्सन कमलेश कौर घेड़ा को संत सतविंदर हीरा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से बर्खास्तगी को तुरंत वापिस लेने तथा मीडिया के माध्यम से उनके खिलाफ की गई अपमानजनक/झूठी टिप्पणियों को तुरंत वापिस लेने के लिए कहा है। उनके द्वारा ऐसा ना करने की सूरत में कानूनी कारवाई की चेतावनी देते हुए कहा गया है कि मेरे मुवक्किल द्वारा सक्षम क्षेत्राधिकार वाली अदालत में आपके खिलाफ दीवानी और फौजदारी मानहानि की कार्यवाही समेत उचित कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि संत सतविंदर सिंह हीरा को वर्ष 2010-2011 में आल इंडिया आदि-धर्म मिशन (रजि.) द्वारा आयोजित चुनावों में अध्यक्ष चुना गया था, तब से वह आल इंडिया आदि-धर्म मिशन के लोगों/सदस्यों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। भारत में धर्म प्रचार करने के साथ-साथ इस मकसद के लिए इटली, फ्रांस, हॉलैंड, जर्मनी, माल्टा, बेल्जियम, स्पेन, नीदरलैंड, पोलैंड, इंग्लैंड (यू.के), ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, कंबोडिया, दुबई, अबू धाबी, अल आइन, रास अल खैमाह आदि देशों में भी आदि धर्म प्रचार के लिए दौरे किए हैं पर चेयरपर्सन कमलेश कौर घेड़ा ने बिना किसी शक्ति तथा अधिकार से आल इंडिया आदि धर्म मिशन (रजि.) के नियमों की उल्लंघना कर संत हीरा को बर्खास्त किया और उन्हें अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया और बर्खास्तगी के बारे में भी मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली। मेरे मुवक्किल को गैर कानूनी और मनमाने ढंग से अपने अधिकार क्षेेत्र से बाहर जा कर राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि किसी पदाधिकारी को बर्खास्त करने या बदलने का अधिकार हाई कमांड के पास है। इतना ही नहीं मीडिया के माध्यम से उन पर कई मनगढ़ंत आरोप भी लगाए गए हैं, जिससे संत हीरा को ही नहीं बल्कि उनके समर्थकों, मिशन के अनुयायियों और गुरु रविदास नाम लेवा संगत को भी काफी ठेस पहुंची है। इसलिए, आप भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 356 के प्रावधान के अनुसार सिविल और फौजदारी मानहानि के लिए मुकदमा चलाने के लिए जबावदेह हैं।