Pension Stacker and his colleagues are advised to review the Medical Bill Associated Policy and implement it at the ground level: Sanjeev Arora

Date:

पैंशन धारक व उनके आश्रितों के मैडीकल बिल संबंधी पालिसी को रीव्यू करके जमीनी स्तर पर लागू करने की जरुरत: संजीव अरोड़ा
-कहा, बिलों की अदायगी संबंधी समय सीमा तय की जाए और किसी सामर्थअधिकारी की जिम्मेदारी की जाए तय

होशियारपुर 4 अगस्त (बजरंगी पांडेय) : पंजाब सरकार द्वारा पैंशनरों एवं उनके आश्रितों के साथ-साथ जो अधिकारी एवं कर्मचारी इनसर्विस हैं के मैडीकल बिलों की अदायगी का मामला असर सर्खियों में रहता है तथा यूनियनों द्वारा बार-बार सरकार से मांग करने के बावजूद इसका कोई ठोस हल नहीं निकाला जा रहा है। जिसके चलते पैंशनरों एवं इनसर्विस कर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह बात नगर निगम से सेवामुक्त सुपरिंटेंडेंट व भारत विकास परिषद के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कही। श्री अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पहले यह व्यवस्था थी कि मैडीकल बिलों की अदायगी 50 हजार रुपये तक सिविल सर्जन तथा इससे ऊपर 50 हजार रुपये से अधिक के बिलों की अदायगी डायरैक्टर हैल्थ द्वारा मैडीकल बोर्ड की स्वीकृत्ति उपरांत पास किए जाते थे। अब सरकार द्वारा 1 लाख रुपये तक की बिलों की अदायगी सिविल सर्जन द्वारा मैडीकल बोर्ड की स्वीकृत्ति उपरांत किए जाने का प्रावधान किया गया है व इस संबंधी विभाग द्वारा पत्र भी जारी किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि जिन लोगों के इससे पहले के करीब 2-3 साल पुराने बिल, जिनकी अदायगी अटकी हुई है वह क्यों नहीं हो रही और अब नए आदेशानुसार जो बिल इससे पहले गए हैं उनका क्या होगा।

श्री अरोड़ा ने कहा कि सरकार को मैडीकल बिलों की अदायगी संबंधी पालिसी का पूरी तरह से रिव्यू करके एक ठोस पालिसी तैयार करनी चाहिए तथा अदायगी का समय तय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी एवं कर्मचारी सामर्थ हैं उन्हें मैडीकल बिलों की अदायगी संबंधी कोई खास फर्क नहीं पड़ता, लेकिन गरीब एवं मध्यमवर्गीय पैंशनरों एवं उनके आश्रितों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ महंगाई इतनी बढ़ती जा रही है तो दूसरी तरफ 30-40 साल तक सरकार की नौकरी करने वाले मुलाजिमों को सेवानिवृत्त होने उपरांत भी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ घरों के हालात तो इतने खराब हैं कि वह भयंकर बीमारी से ग्रस्त होने के बावजूद अपना इलाज करवाने में असमर्थ हैं, क्योंकि इलाज महंगा होने के कारण वह बीमारी से जूझने को मजबूर हैं तथा ऊपर से 2-2 साल तक बिलों की अदायगी न होना उनकी परेशानी और बढ़ा देता है। श्री अरोड़ा ने बताया कि बिलों की अदायगी संबंधी जब कोई कर्मचारी सिविल सर्जन कार्यालय जाता है तो वह कह देते हैं कि बिल ऊपर भेजे गए हैं, और जब ऊपर पता करते हैं तो उनका कहना होता है कि अभी देख रहे हैं, जल्द ही बिल क्लीयर हो जाएंगे। यहां तक कि सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा रिमाइंडर भेजने के बावजूद भी डायरैक्टर कार्यालय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती। इसलिए सरकार से अपील है कि इनसर्विस अधिकारियों एवं कर्मियों के साथ-साथ पैंशनरों व उनके आश्रितों की इस गंभीर समस्या का हल करते हुए मैडीकल बिलों की अदायगी को सरल बनाते हुए समय सीमा तय की जाए। इसके साथ ही उन अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए, जिन्होंने 2-2 साल से बिलों की अदायगी को रोक कर रखा हुआ है। श्री अरोड़ा ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से अपील की कि वह खुद इस मामले का संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करें।

YOU TUBE:

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

चौधरी बलबीर सिंह पब्लिक स्कूल को जीएनए यूनिवर्सिटी के एजुकेशन कम साइंस फेयर में द्वितीय पुरस्कार

फगवाड़ा, 17 जनवरी 2025(TTT): जीएनए यूनिवर्सिटी, फगवाड़ा द्वारा आयोजित...

ड्राइवरों के लिए आंखों की जांच शिविर का आयोजन

होशियारपुर, 17 जनवरी(TTT): राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2025 के अंतर्गत आज...

ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਵਿਖੇ ਪ੍ਰਾਪਰਟੀ ਟੈਕਸ,ਪਾਣੀ ਤੇ ਸੀਵਰੇਜ਼ ਦੇ ਬਿੱਲਾਂ,ਟਰੇਡ ਲਾਇਸੈਂਸ ਤੇ ਰੈਂਟ/ਤਹਿਬਜ਼ਾਰੀ ਦੀ ਕੁਲੈਕਸ਼ਨ ਸ਼ੁਰੂ : ਡਾ.ਅਮਨਦੀਪ ਕੌਰ

ਹੁਸ਼ਿਆਰਪੁਰ, 17 ਜਨਵਰੀ (TTT): ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਡਾ.ਅਮਨਦੀਪ ਕੌਰ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਦਫ਼ਤਰ ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਵਿਖੇ ਪ੍ਰਾਪਰਟੀ ਟੈਕਸ,ਵਾਟਰ ਸਪਲਾਈ ਤੇ ਸੀਵਰੇਜ਼ ਦੇ ਬਿੱਲਾਂ,ਟਰੇਡ ਲਾਇਸੈਂਸ ਅਤੇ ਰੈਂਟ//ਤਹਿਬਜ਼ਾਰੀ ਦੀ ਕੁਲੈਕਸ਼ਨ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਈ ਹੈ। ਇਸ ਕੰਮ ਲਈ ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਦਫ਼ਤਰ ਵਿਖੇ ਕਾਊਂਟਰ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ ਜਿਥੇ ਕਿ ਪਬਲਿਕ ਕੰਮਕਾਜ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਆ ਕੇ ਆਪਣੇ ਬਿੱਲਾਂ ਦੀ ਅਦਾਇਗੀ ਕਰ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆਂ ਕਿ ਪਬਲਿਕ ਦੀ ਸਹੂਲਤ ਲਈ ਕੱਲ੍ਹ...