परशुराम जयंती भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण त्यौहार
(TTT)पशुराम जयंती का उत्सव भारत में हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाया जाता है। यह उत्सव महाभारत के एक महान योद्धा और विष्णु के अवतार परशुराम को समर्पित है। यह उत्सव भारत भर में धूमधाम से मनाया जाता है।
परशुराम जयंती का महत्व भारतीय समाज में बहुत अधिक है। इस दिन लोग भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को याद करते हैं।
परशुराम भगवान विष्णु के श्रीराम के चारण पर किया गया चापलूस सेवक थे। उन्होंने अपनी माता के आदेश पर भगवान शिव से एक अस्त्र प्राप्त किया था, जिसे वे अज्ञातवासी के समय में संप्राप्त कर चुके थे। परशुराम ने कई बार अपने धनुष और तीर का प्रयोग करके भगवानों और राजाओं की रक्षा की थी।
परशुराम ने कालिंग राजा सहित कई क्षत्रियों को मार दिया था, जिन्होंने अपनी शक्ति का अहंकार किया था। उन्होंने अपनी योग्यता का परिचय देने के लिए यज्ञशाला में जाकर बहुत से राजा और महाराजाओं को छोड़ा था।
परशुराम जयंती का उत्सव भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह उत्सव हिंदू धर्म के आधारशिला माना जाता है।