मां बगलामुखी देवी के मंदिर में मिलता है मन वांछित फल
(TTT)हिमाचल प्रदेश …मां बगलामुखी देवी के मंदिर में मिलता है मन वांछित फल| मां बगलामुखी का मंदिर जिला कांगड़ा के बनखंडी गांव में है| हिंदू पौराणिक कथाओं में मां बगलामुखी को दस महाविद्याओं में आठवां स्थान प्राप्त है| मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा का ग्रंथ जब एक राक्षस ने चुरा लिया और पाताल में छिप गया तब उसके वध के लिए मां बगलामुखी की उत्पत्ति हुई। पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मां का मंदिर बनाया और पूजा अर्चना की। पहले रावण और उसके बाद लंका पर जीत के लिए श्रीराम ने शत्रुनाशिनी मां बगला की पूजा की और वियज पाई। मां को पीतांबरी भी कहा जाता है। इस कारण मां के वस्त्र, प्रसाद, मौली और आसन से लेकर हर कुछ पीला ही होता है। युद्ध हो या राजनीति या फिर कोर्ट-कचहरी के विवाद, मां के मंदिर में यज्ञ कर हर कोई मन वांछित फल पाता है|