क्रिटिकल केयर का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता: डॉ. गुरप्रीत सिंह गिल
होशियारपुर, 5 जुलाई:(TTT) क्रिटिकल केयर और आईसीयू केयर के महत्व पर बात करते हुए आईवीवाई अस्पताल में क्रिटिकल केयर के प्रमुख डॉ. मनीष गुप्ता ने कहा, ”क्रिटिकल केयर और आईसीयू केयर जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्वास्थ्य स्थितियों का निदान या प्रबंधन है जिसके लिए अक्सर लाइफ सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता होती है। विडंबना यह है कि भारत में एक लाख क्रिटिकल मरीजों के लिए 2.3 क्रिटिकल केयर बेड हैं, जो पश्चिमी देशों की तुलना में काफी कम है।”
वरिष्ठ सलाहकार एनेस्थीसिया डॉ. गुरप्रीत सिंह गिल ने कहा, ” लगभग सभी बड़े अस्पतालों, चाहे वे निजी हों या सार्वजनिक, में आईसीयू होती है। अगर आप ध्यान से देखें तो किसी भी अस्पताल में अलग सेक्शन वाले ये 10-20 बेड हमेशा भरे रहते हैं। कई लोगों के लिए, आईसीयू एक ऐसी जगह है जहां ज्यादातर पॉली-ट्रॉमा (दुर्घटनाओं) के मरीजों को भर्ती किया जाता है, लेकिन नए युग के संक्रमण और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू, निमोनिया अस्थमा, सीओपीडी, किडनी जैसे संक्रमणों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए मल्टीऑर्गन फेलियर , लीवर फेलियर , स्ट्रोक, सीकेडी के साथ-साथ वृद्धावस्था जनसंख्या के बढ़ते बोझ से आईसीयू की मांग पहले से कहीं अधिक है।“
डॉ. गिल ने बताया भारत में पाँच मिलियन रोगियों को आईसीयू देखभाल की आवश्यकता है लेकिन केवल 95,000 आईसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं।
अधिक आईसीयू बेड की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, वरिष्ठ सलाहकार एनेस्थीसिया डॉ. सोनिया सैनी ने कहा, “जनता तक महत्वपूर्ण सेवाओं की पहुंच वांछित स्तर से काफी पीछे है। सभी अस्पतालों में आईसीयू बेड को कुल बेड का कम से कम 10% और यहां तक कि कुछ प्रमुख सार्वजनिक और निजी टर्शीएरी केयर सेंटर में 15-20% तक बढ़ाने की आवश्यकता है।
स्टैंडर्ड क्रिटिकल केयर आईसीयू के आवश्यक कंपोनेंट: