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फसल उत्पादकता में सुधार के लिए आईसीएआर-सीएसएसआरआई और सिंजेंटा इंडिया में एमओयू हुआ

फसल उत्पादकता में सुधार के लिए आईसीएआर-सीएसएसआरआई और सिंजेंटा इंडिया में एमओयू हुआ

एमओयू स्थायी कृषि पद्धतियों पर कार्य करने के उद्देश्य से है

होशियारपुर, 28 अक्टूबर:(TTT) फसल उत्पादकता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, आईसीएआर-सेंट्रल सॉइल सैलेनिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसएसआरआई) ने सिंजेंटा इंडिया के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। यह एमओयू सॉल्ट प्रभावित क्षेत्रों में सॉइल हेल्थ और स्थायित्व को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। सीएसएसआरआई के सॉइल प्रबंधन के शोध अनुभव और सिंजेंटा के नवाचारी कृषि समाधान को मिलाकर यह साझेदारी किसानों को ऐसी पद्धतियाँ अपनाने में सहायता करेगी जो फसल उत्पादकता को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरणीय स्थायित्व सुनिश्चित करती हैं। सिंजेंटा इंडिया के कंट्री हेड एवं एमडी सुशील कुमार ने कहा, हम जलवायु परिवर्तन, भूमि कटाव और जैव विविधता की हानि जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए नवाचारों को अपना आधार बनाकर काम कर रहे हैं। हमारे संयुक्त प्रयासों से हम कृषि को टिकाऊ और किसानों की समृद्धि का मॉडल बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। इस अवसर पर आईसीएआर-सीएसएसआरआई के डायरेक्टर, डॉ आरके यादव ने कहा, हम सिंजेंटा इंडिया के साथ मिलकर सॉइल सलीनिटी प्रबंधन और स्थायी कृषि पद्धतियों के माध्यम से फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए संयुक्त शोध एवं विकास परियोजनाएं चलाएंगे। डॉ यादव ने यह भी बताया कि इस सहयोग में वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी जैसे शोध निष्कर्ष, सॉइल सलीनिटी डेटा और कार्यप्रणालियों का आदान-प्रदान भी किया जाएगा। आईसीएआर-सीएसएसआरआई की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले डॉ यादव ने इस पहल को अधिक कुशल कृषि पद्धतियों और खाद्य सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया ।विनोद शिवरेन, प्रमुख फसल सुरक्षा विकास सिंजेंटा इंडिया ने कहा कि सिंजेन्टा तकनीकी विशेषज्ञता, वित्तीय सहायता और विशेष तकनीकों के साथ सहयोग करेगा, जबकि सीएसएसआरआई अनुसंधान सुविधाएं, वैज्ञानिक विशेषज्ञता और परीक्षणों को समर्थन प्रदान करेगा। शिवरेन ने बताया की सिंजेंटा द्वारा प्रायोजित प्रशिक्षुओं को प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के साथ काम करने और मृदा स्वास्थ्य व लवणता प्रबंधन में अपने कौशल को निखारने के अवसर भी मिलेंगे। सुशील ने कहा कि सीएसएसआरआई देश के विभिन्न कृषि-पर्यावरणीय क्षेत्रों में लवणता और क्षारीयता प्रबंधन एवं कम गुणवत्ता वाले सिंचाई जल के उपयोग पर बहुआयामी शोध कार्य कर रहा है। आईसीएआर और सिंजेंटा के साथ इस सहयोग से किसानों को बहुत लाभ मिलेगा । उन्होंने कहा कि एमओयू की शर्तों के अनुसार सॉइल सलिनिटी प्रबंधन, फसल संरक्षण, और स्थायी कृषि के क्षेत्रों में किसानों, शोधकर्ताओं तथा इससे जुड़े लोगों के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।