श्री भगवान परशुराम सेना की प्रेस नोट & फोटो पुतला फुक रोष मार्च

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उपस्थित जनसमूह ने आतंकवाद मुर्दाबाद, टी. आ. फ. मुर्दाबाद, पाकिस्तान कुत्ता मारो जुता के नारों के साथ रोष व्यक्त किया। आशुतोष ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले  की कड़ी निंदा करते है, जिसमें 28 पर्यटकों की निर्मम हत्या हुई। यह हमला न केवल निर्दोष लोगों की जान लेने वाला था, बल्कि यह पूरे देश की सुरक्षा और शांति के लिए भी एक बड़ा खतरा है। आतंकवादियों ने मजहब पूछ पूछ कर गोलियाँ मारी, हिंदुओं से जबरन कलमा पढ़वाने की कोशिश की और नहीं पढ़ पाने पर उन्हें गोली मार दी गईयह घटना न केवल आतंकवादियों की क्रूरता को दर्शाती है, बल्कि उनकी जिहादी मानसिकता को दर्शाती है, यह भी दिखाती है कि वे कैसे लोगों को धमकाते हैं और उनके धर्म को बदलने की कोशिश करते हैं।शिव सेना हिन्दोस्तान के प्रदेश अध्यक्ष राजिंदर राणा ने कहा कि 

आतंकियों ने हमले के दौरान पीड़ितों को ‘मोदी जी’ के नाम पर धमकाया और कहा कि ‘तुम लोगों ने मोदी को सिर पर चढ़ा रखा है, उसकी वजह से हमारा मजहब खतरे में है।’ यह बयान दिखाता है कि आतंकवादी कैसे राजनीतिक और धार्मिक मुद्दों को आपस में मिला रहे हैं और निर्दोष लोगों पर हमला कर रहे हैं।यह हमला अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले हुआ है, जो हिन्दुओं कि एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है। इसके अलावा,यह हमला उस समय हुआ है जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत में मौजूद हैं और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब में हैं। यह समय और परिस्थितियों का चयन दर्शाता है कि आतंकवादी कैसे देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

आशुतोष ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के मखोटा आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है, जिसने अमरनाथ यात्रा के दोरान पहलगाम में श्रद्धालुओं पर हमला किया था और जिसमें 32 श्रद्धालुओं शहीद हुऐ थे । इस को पाकिस्तान का पूरा सपोर्ट है और इस हमले के पीछे भी पाकिस्तान का पूरा हाथ होगा। लश्कर-ए-तैयबा एक ऐसा आतंकवादी संगठन है जिसने 1993 से ही सैन्य और नागरिक लक्ष्यों पर कई आतंकवादी हमले किए हैं।इस संगठन ने मुंबई में 2008 में हुए हमले में लगभग 164 लोगों की हत्या की और सैकड़ों को घायल किया। इसके अलावा, मुंबई में 2006 में हुए ट्रेन हमले, 2001 में भारतीय संसद पर हमले, नई दिल्ली में 2005 में हुए हमले और बेंगलुरु में 2005 में हुए हमले में भी इस संगठन का हाथ था। लश्कर-ए-तैयबा अफगानिस्तान और अन्य एशियाई देशों में भी सक्रिय है और इसका जेमाह इस्लामियाह से भी संबंध है।श्री भगवान परशुराम सेना भारत सरकार से मांग करती है कि इस आतंकवादी हमले के पीछे के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठनों को पूरी तरह से जड़ से उखाड़ने के लिए ऑपरेशन तब तक जारी रखा जाए जब तक कि वे पूरी तरह से नष्ट नहीं हो जाते। हमें विश्वास है कि सरकार इस हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और देश की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगी।

श्री भगवान परशुराम सेना एवम शिव सेना हिन्दोस्तान शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करती है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती है।इस अवसर पर अर्जुन पंडित, वरुण पंडित, उमा शंकर, संदीप पंडित, रिषभ, भूपिंदर कुमार,कमल किशोर, यशपाल, जतेन्द्र, शींदा, सेवा सिंह राजपूत, अजय शर्मा आदि उपस्थित थे। 

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