सीखे खुशहाल जीवन जीने की कला

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सीखे खुशहाल जीवन जीने की कला

(TTT)श्री श्री ज्ञान विकास केंद्र द्वारा गीता भवन, एस डी पब्लिक स्कूल में आयोजित किए गए खुशहाल जीवन जीने की कला के सात दिवसीय 10 प्लस एक्स्ट्रा वर्कशॉप के चौथे दिन ब्रह्म ऋषि विशाल जी द्वारा आज साधकों को खानपान के सही ढंग के लिए प्रैक्टिकल करवाया गया और बताया गया कि सही ढंग से खाया पिया ही ऊर्जा में तब्दील होता है, सही तरीके से भोजन ना करने पर कई प्रकार की बीमारियों का जन्म होता है । उन्होंने ग्रहणियो को हमेशा खुश रहते हुए भोजन बनाने को कहा, क्योंकि जिस भाव से भोजन बनाया जाता है वही भाव खाने वाले में आते हैं उन्होंने मांसाहार को पूर्णता त्यागने के लिए कहा क्योंकि मानव के दांतो व आंतों सहित संपूर्ण शरीर की संरचना मांसाहार के लिए नहीं हुई है। ब्रह्मऋषि ने कहा कि जीवन में किए गए अच्छे या बुरे कर्म का फल सुनिश्चित है । पाप का पश्चाताप हो सकता है लेकिन किसी भी उपाय से उसके फल को मिटाया नहीं जा सकता। स्थानीय आयोजक एवं प्रवक्ता उपासना ने बताया की ब्रहम ऋषि विशाल जी द्वारा आज साधकों को योगासनो एवं 3 स्टेज प्राणायाम और वस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया और साधकों से अपने घरों में ऊर्जा टैक्स के रूप में गोलक में रोजाना राशि इकट्ठी करने के लिए कहा । उन्होंने कहा इस प्रैक्टिकल से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इस अवसर पर केंद्र से विनायक, ईशा, अभिषेक के साथ स्थानीय वॉलंटियर्स संतोष, आशा सूद, नीरू, साहिल, दीपक ग्रोवर, परमजीत पाल, रितु आदि द्वारा साधकों को सेवाएं उपलब्ध करवाई गई।

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