कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से धान की पराली में गेहूं की सीधी बिजाई संबंधी प्रदर्शनी का आयोजन
होशियारपुर, 17 नवंबर {TTT}:
किसानों को धान की पराली प्रबंधन संबंधी जागरुक करने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के जिला स्तरीय प्रसार संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से गांव बुगरा के तरनजीत सिंह के फार्म पर धान की पराली में गेहूं की सीधी बिजाई की प्रदर्शनियों का बीते दिन आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनियों के दौरान गेहूं की सीधी बिजाई अलग-अलग तकीनीकों के साथ की गई ताकि इन तकनीकों के साथ पैदा हुए गेहूं की सफल काश्त का संदेश अधिक से अधिक किसानों तक पहुंच सके।
कृषि विज्ञान केंद्र होशियारपुर के सहयोगी निदेशक(प्रशिक्षण) डा. मनिंदर सिंह बौंस ने इस बात पर जोर दिया कि किसान धान की पराली को न जलाएं व उपलब्ध मशीनरी व तकनीकों के माध्यम से इसका योग्य प्रबंध कर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाएं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों की तरह इस बार भी कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से अभियान के रुप में पराली प्रबंधन संबंधी अलग-अलग गतिविधियां की जा रही है। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से मामूली किराए पर किसानों को पराली प्रबंधन मशीनरी भी उपलब्ध करवाईन जा रही है।
सहायक प्रोफेसर कृषि इंजीनियरिंग डा. अजैब सिंह ने धान की पराली प्रबंधन तकनीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने इस मौके पर धान की पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध मशीनरी-सरफेस सीडर तकनीक, हैप्पी सीडर, स्मार्ट सीडर, सुपर सीडर, जीरो ड्रिल, कटर के प्रयोग संबंधी व रोटावेटर के साथ पराली को खेत में मिलाने व गेहूं की बिजाई संबंधी विधि प्रदर्शनियां आयोजित की गई हैं।
कृषि व किसान कल्याण विभाग होशियारपुर से सहायक कृषि इंजीनियर लवली ने बताया कि अलग-अलग मशीनों की खरीद के लिए विभाग की ओर से सब्सिडी दी गई है। उन्होंने बताया कि ब्लाकों में पराली प्रबंधन संबंधी मशीनरी बैंको का गठन किया गया है और किसान पराली प्रबंधन संबंधित मशीनरी का प्रयोग सांझे तौर पर करें ताकि इसका पूरा लाभ लिया जा सके।
कृषि विज्ञान केंद्र के साथ जुड़े गांव बुगरा के प्रगतिशील किसान तरनजीत सिंह ने पराली प्रबंधन की प्रदर्शनियों संबंधी संतुष्टि दिखाई। तरनजीत सिंह के पास दो एस.एम.एस कंबाइनें, मल्चर, उल्टावां हल व सुपर सीडर हैं और इन मशीनों के साथ वह अपने 92 एकड़ में पराली का सुचारु प्रबंधन करता है और किराए पर भी इन मशीनों का प्रयोग करते हैं।
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