
पिछले वर्ष करीब 40 हजार हृदय रोगियों की टांडा के कार्डियॉलोजी विभाग की ओपीडी में हुआ उपचार


(TTT)कोविड के बाद भारत में 20 से 30 उम्र के युवा भी हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं। हृदय रोग के शिकार पुरुषों व महिलाओं का अनुपात 60:40 के लगभग है। हृदय रोग कई प्रकार का होता है, जिसमें कुछ प्रकार जेनेटिक भी होते हैं, यानी हृदय रोगी महिला से उसके बच्चे को भी हो सकते हैं। विदेशों के मुकाबले भारत में हर बीमारी व्यक्ति को दस साल पहले अपना शिकार बना रही है। पुरुषों में हृदय रोग का प्रमुख कारण धूम्रपान है, जबकि महिलाओं में माहवारी रुकने के बाद इस रोग का खतरा बढ़ जाता है। यह जानकारी टांडा मेडिकल कालेज अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डा. मुकुल भटनागर ने दी। उन्होंने कहा कि दैनिक दिनचर्या में बदलाव, खानपान सही न होना और जंक फूड का ज्यादा प्रयोग भी हार्ट अटैक और हृदय रोग का कारण बन रहे हैं। कई बार फैमिली हिस्ट्री की वजह से भी हार्ट अटैक आते हैं और धूम्रपान भी इसका प्रमुख कारण है।
बकौल डा. मुकुल हालांकि हृदय रोग वृद्धावस्था में ही होता है, लेकिन भारत में हर बीमारी अन्य देशों के मुकाबले 10 साल पहले लोगों को अपना शिकार बना रहा है। अन्य देशों में हृदय रोग 50 से 60 वर्ष की उम्र में होता है, जबकि भारत में 40 वर्ष की उम्र के लोग भी हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं। कोविड के बाद 20 से 30 आयु वर्ग के लोगों में भी हृदय रोग और हार्ट अटैक की समस्या सामने आ रही है।
हर दिन हार्ट अटैक के 8 से 10 मामले
टांडा मेडिकल कालेज अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग में हर दिन हार्ट अटैक के 8 से 10 मामले प्रतिदिन आते हैं तथा ओपीडी में करीब 2500 मरीज हर माह देखे जाते हैं। 7 से 8 जिलों के मरीजों को टांडा मेडिकल कालेज स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है तथा सबसे अधिक हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामले टांडा में ही आते हैं।
पिछले साल 40 हजार की स्वास्थ्य जांच
डा. मुकुल ने बताया कि कुछ दिल की बीमारियां जेनेटिक होती हैं जो कि माता-पिता से बच्चों में आ सकती हैं, जबकि हार्ट अटैक में ऐसा नहीं होता। पिछले वर्ष करीब 40 हजार हृदय रोगियों की टांडा के कार्डियॉलोजी विभाग की ओपीडी में उपचार किया गया है। हेल्दी डाइट और योग, व्यायाम करके इस बीमारी से बचा जा सकता है।
