सावन का महीना सोमवार को देश भर में मंदिरों में देखी जा रही है भारी भीड़
सावन का महीना हिन्दू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है, और इस महीने के सोमवार का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दौरान भगवान शिव के भक्त विशेष रूप से उत्साहित और सक्रिय रहते हैं। देश भर में मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है, जो भगवान शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक के लिए उमड़ रही है।
भगवान शिव की आराधना का महत्व:
सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भक्तजन इस पवित्र महीने में उपवास रखते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, बेलपत्र, धतूरा, और आक के फूल चढ़ाते हैं।
मंदिरों में भीड़ का दृश्य:
देश के प्रमुख शिव मंदिरों में इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। उत्तर भारत के काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर, अमरनाथ मंदिर, और हरिद्वार के हर की पौड़ी जैसे स्थानों पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु सुबह-सवेरे से ही लाइन में लग जाते हैं और घंटों तक इंतजार करते हैं ताकि वे भगवान शिव के दर्शन कर सकें।
विशेष पूजा-अर्चना और आयोजन:
सावन के महीने में मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। भक्तजन सामूहिक रूप से मंत्रोच्चार करते हैं और भक्ति संगीत गाते हैं। कई मंदिरों में रुद्राभिषेक, महाशिवरात्रि का आयोजन भी होता है। इसके अलावा, शिव भक्त कावड़ यात्रा निकालते हैं, जिसमें वे गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और अपने स्थानीय शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं।
श्रद्धालुओं का उत्साह:
सावन का महीना भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस महीने के सोमवार को भक्तजन विशेष उपवास रखते हैं और दिन भर भगवान शिव की पूजा में लीन रहते हैं। कई लोग इस महीने में मांसाहार, मद्यपान, और अन्य तामसिक वस्तुओं का त्याग करते हैं और संयमित जीवन जीते हैं। मंदिरों में भक्तों की बढ़ती भीड़ यह दर्शाती है कि भगवान शिव के प्रति उनकी श्रद्धा और विश्वास कितना गहरा है।
निष्कर्ष:
सावन के सोमवार को देश भर में मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति अटूट है। यह महीना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण समय है, और भक्तजन इसे पूरी भक्ति और उत्साह के साथ मनाते हैं।