एचएलएमआईए द्वारा सस्टेनेबिलिटी और डीकार्बोनाइजेशन पर ज्ञान सत्र: उद्योग के लिए नए आयाम

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होशियारपुर, 15 जनवरी 2025 (बजरंगी पांडेय):
एचएलएमआईए (होशियारपुर लार्ज एंड मीडियम इंडस्ट्री एसोसिएशन) ने आज सोनालिका-इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड, होशियारपुर में एक प्रभावशाली ज्ञान साझाकरण सत्र का आयोजन किया। यह सत्र स्थिरता और डीकार्बोनाइजेशन के महत्व, कार्बन फुटप्रिंट में कमी, और नियामक अनुपालन पर केंद्रित था।

सत्र का उद्घाटन माननीय डॉ. ए एस मित्तल (उपाध्यक्ष, इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड और पंजाब राज्य आर्थिक नीति और योजना बोर्ड) ने किया। एचएलएमआईए के अध्यक्ष श्री आईएमजेएस सिद्धू ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में बताया कि आज के व्यवसायों में स्थिरता, सहयोग और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्थिरता की चुनौतियों के बावजूद, लागत बचत, नवाचार और प्रतिष्ठा बढ़ाने के अनेक अवसर उपलब्ध हैं।

सत्र का संचालन और विशेषज्ञ वक्ता
इस ज्ञानवर्धक सत्र का संचालन अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) के एनर्जी ट्रांजिशन और डीकार्बोनाइजेशन पार्टनर श्री कपिल बंसल और वरिष्ठ प्रबंधक सुश्री रेशमा नारायणन कुट्टी ने किया।

  • श्री कपिल बंसल: आईआईटी रुड़की और आईएसबी हैदराबाद के पूर्व छात्र, ऊर्जा और डीकार्बोनाइजेशन क्षेत्र में 22 वर्षों से अधिक का अनुभव।
  • सुश्री रेशमा नारायणन कुट्टी: 10 वर्षों से अधिक ऊर्जा मूल्य श्रृंखला और नेट ज़ीरो रणनीतियों का अनुभव।

उन्होंने प्रतिभागियों को कार्बन ट्रैकिंग, विनियामक अनुपालन, और ऊर्जा परिवर्तन को लागत प्रभावी तरीके से लागू करने की रणनीतियों पर विस्तार से जानकारी दी।

प्रतिभागी और सहभागिता
इस सत्र में सोनालिका, रिलायंस, वर्धमान यार्न्स एंड थ्रेड्स लिमिटेड, सेंचुरी प्लाईबोर्ड, जीएनए गियर्स, और अन्य प्रमुख कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

धन्यवाद प्रस्ताव
आईटीएल के निदेशक (विकास और वाणिज्यिक) श्री अक्षय सांगवान ने ईवाई टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सत्र उद्योग के लिए बहुत ही प्रेरणादायक और उपयोगी साबित हुआ। उन्होंने कार्बन कटौती और नेट ज़ीरो रणनीतियों के व्यावहारिक मार्ग को समझाने के लिए ईवाई टीम की सराहना की।

एचएलएमआईए की पहल
एचएलएमआईए के महासचिव श्री तरुण चावला ने सभी प्रतिभागियों और प्रेस का स्वागत किया। यह सत्र एसोसिएशन की ओर से उद्योगों को स्थिरता और डीकार्बोनाइजेशन के प्रति प्रेरित करने की दिशा में एक और कदम था।

यह ज्ञानवर्धक सत्र उद्योग जगत को भविष्य की ऊर्जा रणनीतियों और स्थिरता के लिए एक नई दिशा देने में सहायक साबित हुआ।

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