हिमाचल में अफगानिस्तान से पश्चिमी हवाओं के साथ जमीनी स्तर से लेकर मध्य स्तर पर नमी की अधिक मात्रा से हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात, बादल फटने और भारी वर्षा हुई है। बीते करीब तीन माह के सूखे से निजात तो मिली है लेकिन इसके कारण जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है।प्रदेश में बीते चौबीस घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा कुल्लू के सेऊबाग में हुई है। ताजा हिमपात और वर्षा के कारण हुए भूस्खलन से पांच एनएच सहित 583 सड़कें बंद हैं। जबकि 2263 ट्रांसफार्मरों के खराब होने के कारण सैंकडों गांव में बिजली आपूर्ति बाधित है। 279 पेयजल योजनाएं प्रभवित हुई हैं।चंबा के पांगी घाटी के कोकरोलू गांव में हिमस्खलन से बर्फ में दबे एक व्यक्ति ग्रामीणों ने सुरक्षित निकाला और लाहुल स्पीति के दालंग में हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे दो पर्यटक स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाले।कांगड़ा के बड़ा भंगाल घाटी के लुहारड़ी में बादल फटने से ऊहल नदी का जलस्तर बढ़ गया और इसके कारण बरोट बांध के गेट खोलने पड़े।रोहतांग में छह फीट, अटल टनल रोहतांग में साढ़े चार फीट,कोठह में चार फीट, किन्नौर में करीब डेढ़ फीट ताजा हिमपात हुआ है।
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