
होशियारपुर(दलजीत अजनोहा):- मरना सत्य है, जीना झूठ है। इस दुनिया में आने वाले हर व्यक्ति को एक न एक दिन जाना ही है, लेकिन हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ ऐसा काम करना चाहिए, जिससे लोग उसे मरने के बाद भी याद रखें। यह विचार डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर श्रीमती आशिका जैन ने नेत्रदान इंचार्ज टांडा भाई बरिंदर सिंह मसीती के साथ बातचीत के दौरान व्यक्त किए। इस संबंध में जानकारी देते हुए भाई बरिंदर सिंह मसीती ने बताया कि व्यक्ति को जीवित रहते हुए रक्तदान करना चाहिए तथा मृत्यु के बाद नेत्रदान व शरीरदान करना चाहिए। ताकि किसी जरूरतमंद व्यक्ति को लाभ मिल सके। भाई मसीती ने बताया कि श्रीमती आशिका जैन ने कहा कि एक अंधे व्यक्ति के लिए इस दुनिया में चलना बहुत कठिन है, जिसके लिए उन्होंने नेत्रदान एसोसिएशन होशियारपुर और भाई बरिंदर सिंह मसीती द्वारा मानवता भलाई के लिए किए जा रहे अनेक कार्यों की सराहना की। उपायुक्त ने कहा कि किसी मृत व्यक्ति द्वारा दान की गई आंखें किसी अंधे व्यक्ति के लिए किसी वरदान से कम नहीं होती। और मृत्यु के बाद भी, एक मृत व्यक्ति किसी अन्य के शरीर के माध्यम से इस दुनिया में प्रवेश कर सकता है। तथा मृत व्यक्ति की आंखें मृत्यु के चार से छह घंटे के भीतर दान की जा सकती हैं। डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने बताया कि कोई भी दृष्टिहीन व्यक्ति मुफ्त आईरिस सर्जरी के लिए रोटरी क्लब होशियारपुर मिड टाउन, नेत्रदान संगठन होशियारपुर, पूर्व डिप्टी डायरेक्टर पंजाब डॉ. केवल सिंह टांडा, भाई वरिंदर सिंह मसीती आई डोनर इंचार्ज टांडा और सभी सिविल अस्पतालों के एसएमओ से संपर्क कर सकता है। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर ने कहा कि निशुल्क नेत्र ऑपरेशन नेत्रदान एसोसिएशन होशियारपुर व अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा मानवता भलाई के लिए शुरू की गई एक सराहनीय पहल है, जिसका जरूरतमंद लोगों को लाभ उठाना चाहिए।

