अमृतसर, 15 जनवरी 2025:
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे पंजाब में प्रतिबंधित करने की मांग की है। इस संबंध में आज एसजीपीसी के प्रतिनिधिमंडल ने अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) को ज्ञापन सौंपा।
एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने पहले ही मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर इस फिल्म पर रोक लगाने की अपील की थी। उन्होंने फिल्म पर आरोप लगाया है कि यह सिखों को बदनाम करने के उद्देश्य से बनाई गई है और इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।
ज्ञापन में जताई गई आपत्तियां
एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि, “फिल्म ‘इमरजेंसी’ एक राजनीतिक एजेंडे के तहत बनाई गई है और सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश करती है। राज्य सरकार को इसे पंजाब में प्रतिबंधित करना चाहिए। अगर यह फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज होती है, तो इससे सिख समुदाय में आक्रोश फैल सकता है।
प्रतिनिधिमंडल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने पहले भी राज्य सरकार से इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
सिख समुदाय में बढ़ रहा विरोध
एसजीपीसी ने चेतावनी दी है कि अगर फिल्म रिलीज होती है, तो पंजाब में व्यापक विरोध हो सकता है। सिख जगत इस फिल्म को सिख इतिहास और पहचान के खिलाफ मान रहा है। एसजीपीसी ने राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री पर उठाए सवाल
एसजीपीसी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करती, तो यह उनकी नाकामी मानी जाएगी।
फिल्म की रिलीज पर संकट
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 17 जनवरी को रिलीज होने वाली है, लेकिन एसजीपीसी के विरोध और ज्ञापन के बाद राज्य में इसकी रिलीज को लेकर संशय बढ़ गया है।
यह मामला अब सिख समुदाय के लिए धार्मिक भावनाओं से जुड़ गया है और पंजाब सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।