देशभर में कैसे मनाई जाती है दिवाली: जानें रोशनी के इस पर्व का महत्व और विभिन्न परंपराएँ
दिवाली 2024(TTT) जैसे ही दीपावली का महापर्व पास आता है, बाजारों की रौनक बढ़ जाती है और हर तरफ खुशियों का माहौल बन जाता है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई में जुट जाते हैं ताकि लक्ष्मी जी का स्वागत भव्य रूप से कर सकें। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर धन, वैभव और समृद्धि की कामना की जाती है। देश के विभिन्न हिस्सों में यह पर्व अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, जो इस त्योहार को और खास बनाता है।
उत्तर भारत में दिवाली
उत्तर भारत में दिवाली का दिन भगवान राम के अयोध्या लौटने की याद में मनाया जाता है। यहां घरों को दीयों, रंगोली और फूलों से सजाया जाता है। इस क्षेत्र में पटाखे फोड़ने की परंपरा भी खूब देखी जाती है, जो उत्सव का जोश और बढ़ा देती है।
पश्चिम भारत में दिवाली
पश्चिम भारत, विशेषकर महाराष्ट्र और गुजरात में, दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ व्यापारी समुदाय नए वर्ष की शुरुआत के रूप में इसे मानता है। इस दिन बहीखाते बदले जाते हैं और दुकानों पर लक्ष्मी पूजन किया जाता है। घरों में मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और लोग अपने प्रियजनों को गिफ्ट्स देकर खुशियाँ बांटते हैं।
पूर्वी भारत में दिवाली
पूर्वी भारत, खासकर पश्चिम बंगाल में, दिवाली का दिन माँ काली की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यहाँ इस पर्व को ‘काली पूजा’ भी कहा जाता है। लोग काली माँ के मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं और दीप जलाते हैं।
दक्षिण भारत में दिवाली
दक्षिण भारत में दिवाली को ‘नरक चतुर्दशी’ के रूप में मनाते हैं, जो मुख्य रूप से भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध किए जाने का प्रतीक है। यहाँ लोग सुबह जल्दी स्नान कर नए कपड़े पहनते हैं और घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं।
दिवाली पर विशेष रिवाज और परंपराएँ
हर जगह दीयों और मोमबत्तियों से घरों को सजाया जाता है ताकि अंधकार दूर हो और घर में खुशियों का प्रकाश आए। रंगोली बनाना, मिठाइयाँ बांटना और पटाखे जलाना दिवाली के खास रिवाज हैं जो हर जगह देखने को मिलते हैं।
दिवाली का यह पर्व हर किसी के लिए नई उमंग और खुशियाँ लेकर आता है। आप भी अपने घर को सजाएं, लक्ष्मी पूजन करें और इस महापर्व का आनंद लें।
दिवाली की सभी को शुभकामनाएं!
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