डीएपी खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए निरंतर जांच जारी: मुख्य कृषि अधिकारी
(TTT) जिले में डीएपी खाद की बिक्री के दौरान किसी भी तरह की कालाबाजारी और अनावश्यक सामान की टैगिंग रोकने के लिए निरंतर जांच की जा रही है। इस संबंध में मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. दिपिंदर सिंह ने बताया कि किसानों को डीएपी खाद के विकल्प के रूप में अन्य फॉस्फेटिक तत्वों से युक्त खादों की भी जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने डीएपी खाद के विक्रेताओं को यह निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि खाद का स्टॉक किसानों को तुरंत वितरित किया जाए और उसका पूरा रिकॉर्ड रखा जाए। डॉ. सिंह ने किसानों से अपील की कि वे गेहूं की फसल के लिए उपलब्ध अन्य फॉस्फेटिक खादों का भी उपयोग करें।
वर्तमान में डीएपी के कई विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं, जिनमें एनपीके, एसएसपी और टीएसपी जैसी खादें शामिल हैं। ये खादें फसलों के लिए आवश्यक फॉस्फेटिक तत्व प्रदान करती हैं और इनका उपयोग किसान अपनी फसल की आवश्यकताओं के अनुसार कर सकते हैं।