कॉकलियर इम्प्लांट से की गई सुनने की क्षमता रिस्टोर
होशियारपुर: (TTT) पिछले 10 वर्षों से बहरेपन से प्रभावित 14 वर्षीय लड़की की सुनने की क्षमता कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी से सफलतापूर्वक रिस्टोर की गई।
ईएनटी डायरेक्टर, मैक्स हॉस्पिटल डॉ. नरेश पांडा ने बताया , “डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 32 मिलियन बच्चे हियरिंग लॉस यानी आवाज सुनने की क्षमता का कम हो जाना से पीड़ित हैं। भारत में, लगभग 7% आबादी गहन बहरेपन से प्रभावित है, जिसमें दस लाख से अधिक बच्चों को हियरिंग एड या कॉकलियर इम्प्लांट की आवश्यकता होती है। वैश्विक स्तर पर, 300,000 से अधिक कॉकलियर इम्प्लांट किए गए हैं, जो बच्चों और वयस्कों के बीच लगभग समान रूप से विभाजित हैं।“
इग्ज़ेक्यटिव वीपी डॉ. पिनाक मोदगिल ने कहा कि इस पहले कॉकलियर इम्प्लांट की सफलता हमारे लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
कॉक्लियर इम्प्लांट एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो इलेक्ट्रिकली (विद्युत रूप) से कॉक्लियर नर्व को उत्तेजित करता है। यह नर्व सुनने में मदद करती है। इम्प्लांट डिवाइस में दो भाग होते हैं। एक हिस्सा कान के पीछे लगाया जाता है। यह माइक्रोफोन के मध्यम से आवाज़ों को चुनता है। उसके बाद यह उस ध्वनि को प्रोसेस करता है और इसे इम्प्लांट के दूसरे भाग में भेजता है।