
होशियारपुर (22 मार्च) पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्षण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया हैं कि किसी भी पार्टी द्वारा प्रभारी या सहप्रभारी नियुक्त करना बेशक पार्टी का आंतरिक मामला माना जाता हैं परन्तु पंजाब में जिस मौके पर श्री मनीष सिसोदिया को प्रभारी तथा डा. सतिंदर जैन को सहप्रभारी नियुक्त किया हैं इससे कई सबाल पैदा होने निश्चित हैं। पहले ही माना जा रहा था कि भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं को करारी हार मिलने के बाद उन की दखलअंदाजी पंजाब में बढ़ेगी , परन्तु इन नियुक्तियों के बाद तो अब लगता हैं कि पंजाब की सत्ता पर पूरा नियंत्रण दिल्ली लॉबी करने जा रही हैं। विपाशना में ध्यान लगाने बहाने आप सुप्रीमो श्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब में आगमन के बाद लुधियाना विधानसभा उपचुनाव के बहाने जन सभाए तथा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह बताने की कोशिश कि अभी भी पार्टी पर उनका पूर्ण नियंत्रण हैं। यह सर्वविदित है कि श्री केजरीवाल, मनीष सिसोदिया तथा डॉक्टर सतिंदर जैन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे हुए हैं तथा 6-6 महीने से अधिक समय जेल में रहने के बाद उनकी जमानत हो सकी हैं। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे ऐसे नेताओं को पंजाब में आम आदमी पार्टी की अपनी सरकार में नियुक्त करना यह दिखाता हैं कि यह नेता अपने तजुर्बे के बल पर पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के आर्थिक मजबूती देने के लिए नियुक्त किये गए हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जो स्टेजों पर स्वच्छ राजनीति की बात करते रहे हैं तथा कहते रहे हैं कि मात्र आरोपों के बाद भी राजनीतिज्ञों को एक तरफ हो जाना चाहिए जब तक आरोप गलत साबित नहीं होते, उन्हें राजनीति में रहने का कोई अधिकार नहीं हैं। आज पंजाब में आम आदमी पार्टी हर मोर्चे पर फेल हो चुकी हैं। कानून व्यवस्था की बुरी हालत के साथ-साथ आर्थिक तोर पर भी सरकार के बुरी तरह गुटने लग चुके हैं। बहुत से अधिकारी आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें फण्ड इकठे करके देने के लिए मजबूर किया जाता रहा हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार में घिरे आरोपी नेताओं की पंजाब में नियुक्ति पंजाब वासियों के गले नहीं उतरती। आज पंजाब वासियों की समझ से बाहर है कि आखिर इन भ्रष्ट नेताओं को पंजाब की बागडोर देकर आम आदमी पार्टी कौन सा बदलाव लाना चाहती हैं।
