भगत सिंह ने लाखों भारत वासियों के अन्दर आज़ादी की अलख जगाईः संजीव अरोड़ा
(TTT) भारत विकास परिषद की ओर से प्रधान संजीव अरोड़ा व सचिव राजिन्दर मोदगिल की अध्यक्षता में क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह का आज जन्म दिवस श्रद्धा व हर्षो उल्लास के साथ शहीद भगत सिंह के स्मारक, जेल चौंक होशियारपुर में मनाया गया। इस अवसर पर सभी सदस्यों द्वारा श्रद्धासुमन भेंट किये गये। इस अवसर पर प्रधान संजीव अरोड़ा ने बताया कि भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी थे, सिर्फ 23 साल की उम्र में ही देश की आज़ादी के लिये मुस्कराते हुये फांसी का फंदा चूमने वाले भगत सिंह का जन्म पंजाब प्रान्त के लाययपुर ज़िले के बंगा में 27 सितम्बर 1907 को हुआ। आज पूरा भारत, भारत मां के वीर सपूत शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को उनकी जयंती पर नमन कर रहा है। 23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह को सुखदेव और राजगुरू के साथ लाहौर षडयन्त्र के आरोप में अंग्रेज़ी सरकार ने फांसी पर लटका दिया था। देश के सबसे बड़े क्रांतिकारी और अंग्रे़ज़ी हकूमत की जड़ों को अपने साहस से झकझोंर देने वाले भगत सिंह ने नौजवानों के दिलों में जनून भरा था। उन्होंने लाखों देशवासियों के अन्दर आज़ादी की अलख जगाकर गुलामी की जंजीरों को तोड़ने का काम किया। इस अवसर पर पर सचिव राजिन्दर मोदगिल ने बताया कि भगत सिंह ने कहा था कि ज़िन्दगी तो सिर्फ अपने कन्धो पर जी जाती है, दूसरों के कन्धो पर जनाज़े उठाये जाते हैं और उन्होंने यह कहा कि भगत सिंह ने कहा था कि व्यक्तियों को कुचलकर भी आप उनके विचार नही मार सकते। मोदगिल ने कहा कि देश के लिये कुर्बानी देने वाले ही हमेशा अमर रहते हैं। इस अवसर पर भारत विकास परिषद की तरफ से प्रधान संजीव अरोड़ा, सचिव राजिन्दर मोदगिल, कैशियर एच.के.नक्कड़ा, विजय अरोड़ा, अमरजीत शर्मा, दविन्दर अरोड़ा, कुलविन्दर सिंह सचदेवा, कुलवंत सिंह पसरीचा, एन.के.गुप्ता, तरसेम मोदगिल, मुकेश डाबर, रमेश भाटिया, लोकेश खन्ना, जगदीश अग्रवाल, मास्टर गुरप्रीत, मदन लाल महाजन, राजकुमार मलिक, प्रवीण खुराना आदि उपस्थित थे।