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पिछले 10 वर्षों से पराली को आग न लगाकर अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने किसान जसविंदर सिंह

पिछले 10 वर्षों से पराली को आग न लगाकर अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने किसान जसविंदर सिंह

होशियारपुर, 14 मार्च (बजरंगी पांडे ):
पराली व फसलों के अवशेषों को आग लगाने से रोकने के लिए कृषि व किसान कल्याण विभाग पंजाब की ओर से समूह गांवों में पिछले कई वर्षों से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कृषि विभाग के इन प्रयासों को किसानों की ओर से भरपूर समर्थन मिल रहा है। ब्लाक गढ़शंकर के अंर्तगत आते गांव कालेवाल के किसान जसविंदर सिंह वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने में अपना पूरा योगदान दे रहे है। किसान जसविंदर सिंह पिछले 10 वर्षों से कृषि विभाग से जुड़े हैं व उन्होंने पिछले 10 वर्षों में किसी भी फसली अवशेषों व धान की पराली को आग नहीं लगाई है।

उक्त किसान पिछले 3 वर्षों से सुपर सीडर तकनीक से गेहूं की फसल की बिजाई करता आ रहा है व बिना पराली को आग लगाए गेहूं की फसल का पूरा झाड़ पा रहा है। जसविंदर के अनुसार जहां इस तकनीक का प्रयोग कर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है वहीं इस तकनीक के प्रयोग से खेत की बहाई का खर्च भी बचाया जा सकता है। इस तकनीक के प्रयोग से धान की फसल की कटाई के बाद धान की खड़ी पराली में ही गेहूं की फसल की बिजाई हो जाती है। काफी किसानों ने पिछले वर्षों में जसविंदर सिंह से प्रभावित होकर सुपर सीडर तकनीक को अपनाया है। इसके अलावा जसविंदर सिंह 10 से 15 खेतों में आलू की फसल भी लगाते हैं। इन खेतों को वे मल्चर, एम.बी प्लाओ, रोटावेटर व तवों के प्रयोग से तैयार करता है। जसविंदर सिंह का कहना है कि उसने पराली को खेतों में ही बहाई कर नदीननाशक सप्रे व खादों के खर्चे को भी कम किया है। उन्होंने बाकी किसानों को भी पराली को आग लगाने से गुरेज करने व वातावरण की संभाल में अपना योगदान डालने की अपील की।