अलमस्त फकीर पीरों के भी पीर होते है /बाबा बाल जी ऊना वाले
* बापू गंगा दास जी भगवान शिव का ही सवरूप थे जिन्होंने जैसी दर्शनों की इस्छा की उन्हें उसी तरह के दर्शन हुए/बाबा बाल जी ऊना वाले
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा(TTT) डेरा अलमस्त फकीर बापू गंगा दास जी में बापू जी के वार्षिक समागम को समर्पित समागम के दौरान चल रही श्री मद भागवत कथा से पहले शाम 5 बजे 6 बजे तक कीर्तन करते हुए बाबा बाल जी ऊना वालों की ओर से बापू गंगा दास जी के बारे में बताया के बापू जी स्वयं भगवान शिव का सवरूप थे उनके दरबार में पहुंच कर जिस भी भक्त ने उनके दर्शनों की ईस्चा व्यक्त की उसे उसी तरह के दर्शन प्राप्त हुए उन्होंने कहा अलमस्त फकीर पीरों के भी पीर होते है अपने भक्तो के दुख अपनी एक नजर से ही दूर कर देते है उपरांत श्री मद भागवत कथा दौरान श्री मद भागवत कथा व्यास रवि नंदन शास्त्री ने कहा के धर्म और राष्ट्र पहले है व्यक्ति बाद में है उन्होंने कहा के धर्म कर्म का कोई भी कार्य अपने सुख के लिए कर सकते है परंतु किसी का अनिष्ट करने के लिए धर्म कर्म नहीं होता जिसकी जिव्हा पर हर समय भगवान का नाम है उसके साथ हमेशा भगवान है और यह भी एक यज्ञ है सब पापों का अंत करने के लिए जिव्हा पर भगवान का नाम सदेव रहना चाहिए सभी की तंदुरुस्ती,निरोगता,किसी को।लेशमात्र दुख न हो यही सत्य सनातन है
इस अवसर पर विशेष तौर संत मेजर सिंह हल्लूवाल,महंत हरी दास जी धुने वाले और बिट्टू भाजी पाहले वाल शामिल हुए पर अनिल कुमार काला,इंस्पेक्टर परमजीत सिंह बैंस,राज कुमार सेवामुक्त इंस्पेक्टर,विक्की अग्निहोत्री,जोगिंदर पाल पिंकी,रवि खरौदी,गोपी बसरा,बिल्ला माहिल पुर,मोंटी तिवारी,अच्छर कुमार जोशी,अनुराग हांडा आदि सहित अन्य संगतें भारी गिनती में उपस्थित थी
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