राज्य सरकार ने वैसे तो रोगियों की सुविधा के लिए जगह-जगह आम आदमी क्लिनिक खोले थे लेकिन शायद वहां पर तैनात स्टाफ भी इनका फायदा उठाने लगा है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिले के एक आम आदमी क्लीनिक में तैनात मेडिकल ऑफिसर एवं क्लीनिकल असिस्टेंट पैसों के लालच में रोगियों की फर्जी एंट्री डाल रहे थे और जब इस बात का खुलासा हुआ तो विभाग ने तुरंत दोनों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के सुविज्ञ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नकोदर में स्थित एक आम आदमी क्लिनिक मे तकरीबन हर रोज 150 से 175 रोगियों की एंट्री डाली जा रही थी और जब विभाग के उच्च अधिकारियों को इसमें कुछ संदेह हुआ तो उन्होंने उक्त आम आदमी क्लीनिक में जाकर जांच की। वहां पर उन्हें पता चला कि वहां पर तथा मेडिकल ऑफिसर तथा क्लीनिकल असिस्टेंट ने टेबलेट में जितने रोगियों की एंट्री डाली है उससे कम रोगियों की एंट्री फार्मासिस्ट की टेबलेट में है। अधिकारियों ने जब मामले की बहुत बारीकी से जांच की तो पता चला की मेडिकल ऑफिसर एवं क्लीनिकल असिस्टेंट आपसी मिलीभगत से रोगियों की फर्जी एंट्री कर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों ने दोनों को तुरंत नौकरी से बर्खास्त कर दिया|
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