
भारतीय वैज्ञानिकों ने हिमस्खलन के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए जोखिम आकलन की नई रूपरेखा तैयार की है। एक अध्ययन के जरिए यह भी पता लगाया गया है कि कौन से जिला हिमस्खलन के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं और किस जिला में इससे निपटने की सबसे अधिक क्षमता है। पश्चिमी हिमालय के 11 जिलों के एक नए अध्ययन से पता चला है कि हिमाचल प्रदेश के अधिकांश जिले जिन में से लाहौल स्पीति हिमस्खलन के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं, जहां पर एक अध्ययन के अनुसार सडक़, बांध और सुरंगों के तेजी से हो रहे निर्माण और भारी वाहनों की नियमित आवाजाही और मानवीय गतिविधियां हिमस्खलन की घटनाओं में वृद्धि के मुख्य कारण होते जा रहे हैं। लाहुल में बर्फबारी न होना भी आज काफी बड़ी चुनौती बन चुकी है। जो बर्फबारी दिसंबर माह से जनवरी तक होनी चाहिए थी वह भी समय पर नहीं हो रही है।हिमाचल प्रदेश में रविवार से बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। प्रदेश में 24 मार्च तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।25 और 26 मार्च को मौसम साफ और धूप खिलने की संभावना है।


