शिशु मृत्यु की समीक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजित
होशियारपुर 27 मार्च 2024 (GBC UPDATE ): सिविल सर्जन डॉ.बलविंदर कुमार डमाणा की अध्यक्षता एवं जिला टीकाकरण अफसर डॉ. सीमा गर्ग के नेतृत्व में शिशु मृत्यु की समीक्षा को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ.सीमा गर्ग और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हरनूरजीत कौर ने सभी ब्लॉक सीनियर मेडीकल अधिकारियों और डिलीवरी प्वाइंट के चिकित्सा अधिकारियों को 28 दिन तक के नवजात शिशुओं, एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 5 वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु के विभिन्न कारणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ.बलविंदर कुमार ने कहा कि बच्चों की मौत का मुख्य कारण जन्मजात बीमारी, कम वजन वाले बच्चे व अन्य कारण हैं। इसलिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाओं का जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराया जाए, नियमित स्वास्थ्य जांच में बीपी, वजन और खून की जांच जरूर कराई जाए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की अतिरिक्त जांच, टीकाकरण और संस्थान में प्रसव सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रसव के बाद पीएनसी जांच हो।
डॉ.सीमा गर्ग ने बताया कि समीक्षा के दौरान पाया गया कि ज्यादातर मौतें जन्मजात विकृतियों जिनका इलाज नहीं किया जा सकता, समय से पहले जन्मे बच्चे और बच्चों के एस्पिरेशन के कारण हुईं। रोकथाम योग्य कारणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा माताओं को अपने बच्चों को सही तरीके से स्तनपान कराने के लिए शिक्षित किया जाना चाहिए। माताओं को बताया जाना चाहिए कि स्तनपान के बाद डकार दिलानी चाहिए और बच्चे को बायीं करवट लेकर लेटाना चाहिए। छह महीने के बाद बच्चे को ऊपरी आहार शुरू करते समय किसी एक आहार से शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को जन्म के समय बीसीजी, हेपा-बी एवं पोलियो खुराक अवश्य पिलायें। ये सभी चीजें बाल मृत्यु दर को कम करने में मदद कर सकती हैं।
डॉ.हरनूरजीत ने समुदाय आधारित और फैसिलिटी आधारित बाल मृत्यु, समीक्षा के लिए भरे जाने वाले विभिन्न फॉर्म, ब्लॉक स्तर पर की जाने वाली लाइन लिस्टिंग और जिला स्तर पर गठित समीक्षा समिति के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण के दौरान डीपीएम मुहम्मद आसिफ द्वारा भी पूर्ण सहयोग दिया गया।