जो चाइना डोर इंसानों और पक्षियों को मौत के घाट उतारती है उसे बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिएः बेगमपुरा टाइगर फोर्स
चाइना डोर बेचने और खरीदने वाले दोनों पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिएः वीरपाल, हैप्पी, सतीश
होशियारपुरए 17 जनवरी, बेगमपुरा टाइगर फोर्स के पंजाब प्रधान वीरपाल ठरोली, जिला प्रधान हैप्पी फतेहगढ़ और जिला वरिष्ठ उप-प्रधान सतीश कुमार शेरगढ़ ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हर साल जब भी जनवरी-फरवरी का महीना आता है, तो पतंगबाजी के शौकीनों को खुमार चढ़ जाता है। पहले लोग पतंग को चढ़ाने के लिए साधारण धागों का ही इस्तेमाल करते थे, फिर डोर को पक्का बनाने के लिए सुरेश आदि लगाते थे, ऐसा करने से डोरी पक्की हो जाती थी और दूसरे की पतंग जल्दी कट जाती थी। उन्होने कहा कि अब अन्य देशों के साथ व्यपार को बढ़ाने के लिए लगभग सभी सरकारों द्वारा एक दूसरे देश से दूसरे देश को जरुरी वस्तुएं खरीदने व बेचने की इजाजत दी जाती है। इसी के चलते पूरे भारत में पतंग उड़ाने के लिए डोर काफी स मय से आ रही है, पहले तो यह एक सामान्य डोर की तरह ही होती थी, लेकिन फिर सामान्य डोर की तुलना में बहुत ज्यादा पक्की डोर आने लगी, जिसके कारण हमारे देश के पतंगबाज चाइना डोर को ज्यादा पक्की मानकर इसे प्राथमिकता देने लगे। इस तरह से हमारे देश में चाइना डोर की मांग बहुत बढ़ गई। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि इस बारे में किसी ने भी नहीं सोचा की हमारे देश के गांवों, कस्बों, छोटे तथा बड़े शहरों में चाइना डोर में फंस कर अनेक लोग और पंछी जख्मी होते हैं और कई मौत के मुंह में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि जब यह पता चल चुका है कि चाइना डोर इतनी खतरनाक है तो सरकार को इस पर तुरंत प्रतिबंध लगा देना चाहिए था, लेकिन हमारी सरकारें पता नहीं कौन से लालच के कारण अभी भी खामोश है, सरकारों के काम अलग ही होते हैं उनके लिए मुनाफा लोगों की जान से ज्यादा जरूरी है। इसीलिए सरकारों की सरपरस्ती में और नौकरशाही के सहयोग से चाइना डोर पाबंदी के बावजूद बड़े पैमाने पर बिक रही है। वहीं दूसरी ओर लोग भी अपने कर्तव्यों को नहीं समझ रहे हैं, अगर सरकार और प्रशासन जान को खतरे में डालने वाली चाइना डोर के प्रति उदासीन है तो जनता को सतर्क रहना पड़ेगा। इस अवसर पर सनी सीना, चरणजीत डाडा, विक्की सिंह पुरहीरा, कमलजीत गोगा, मुनीश, अमनदीप, राहुल नारा, रवि सुंदर नगर, राज कुमार बद्धन शेरगढ़, हरभजन सरोआ आदि उपस्थित थे।