फसलों में खादों का उपयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही किया जाए: मुख्य कृषि अधिकारी
होशियारपुर, 9 नवंबर:(TTT) किसानों को बिना पराली जलाए गेहूं की बुआई और खादों के उपयोग के बारे में जागरूक करने के लिए कृषि और किसान भलाई विभाग द्वारा जमीनी स्तर पर विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सके। इस संबंध में जानकारी देते हुए मुख्य कृषि अधिकारी दीपिंदर सिंह ने बताया कि फसलों में खादों का उपयोग पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए, और वह भी केवल मिट्टी परीक्षण के आधार पर। इससे अनावश्यक खादों का उपयोग कम होगा और किसानों का अतिरिक्त खर्च भी बचेगा।
मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पराली जलाना जमीन की उर्वरक क्षमता को नष्ट करना है। उन्होंने कहा कि यदि पराली को खेत में ही जलाकर गेहूं की बुआई की जाती है, तो इससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बढ़ता है और भूमि की उर्वरता में सुधार होता है। उन्होंने उन किसानों से भी अपील की है, जिन्होंने विभाग की सब्सिडी के तहत पराली प्रबंधन मशीनें खरीदी हैं। ऐसे किसान इन मशीनों का उपयोग करने के बाद इन्हें अन्य किसानों को किराए पर भी उपलब्ध कराएं, ताकि अधिक से अधिक पराली का सुरक्षित निपटारा हो सके और मशीनों का भी अधिकतम उपयोग किया जा सके। इस प्रकार के प्रयासों से पराली प्रबंधन में सुधार होगा और खाद का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।