छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन: उगते सूर्य को अर्घ्य
(TTT) छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए समर्पित होता है। व्रती (उपवास रखने वाले) सूर्योदय से पहले नदी, तालाब या किसी पवित्र जलाशय के किनारे पहुँचते हैं और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस दिन का महत्व बहुत खास होता है क्योंकि माना जाता है कि उगते सूर्य को अर्घ्य देने से परिवार में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने का मतलब नए आरंभ और नई ऊर्जा को स्वागत करना है। हिंदू धर्म में सूर्य को जीवनदायिनी शक्ति माना गया है, और यह पूजा जीवन में सकारात्मकता और शुद्धता लाने का प्रतीक है। अर्घ्य देने के बाद व्रती अपना उपवास खोलते हैं और प्रसाद को परिवार एवं समाज में बाँटते हैं। छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि समाज में एकता और सद्भावना का संदेश देने वाला पर्व है। लोग सामूहिक रूप से घाट पर इकट्ठा होकर पूजा करते हैं, जिससे एकता और भाईचारे का संदेश मिलता है।