पंचायतों पर राजनीतिक दबाव के चलते ग्रामीण अदालतों में न्याय की उम्मीद नहीं : तीक्ष्ण सूद
कहा : सरकार हटधर्मी छोड़ कर ग्रामीण अदालतों के आदेश वापिस ले :
होशियारपुर ( 3 अक्टूबर)(TTT) पंजाब सरकार द्वारा ग्रामीण अदालतें स्थापित करने के खिलाफ चल रही वकीलों की हड़ताल के समर्थन में अपनी एकजुटता प्रकट करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री व एडवोकेट तीक्ष्ण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में पंजाब सरकार द्वारा ग्रामीण अदालतें स्थापित करने के फैसले की आलोचना की गई हैं। उन्हों ने कहा कि सरकार को इस असवैधानिक फैसले को वापिस लेना चाहिए, जिससे वकीलों की हड़ताल समाप्त हो सके तथा वह अपने काम पर लौट कर न्यायक प्रणाली को योगदान दे सके। उन्होंने कहा कि बहुत पहले भी पंचायतों को अदालतों के अधिकार दिए गए थे परन्तु वह सफल नहीं हो सके आज के समय जबकि पंचायती सिस्टम राजनीतिक दबाव में चलता हैं, तो ग्रामीण अदालतों में न्याय की उम्मीद नहीं बचती। आज के उच्च टेक्नॉलजी वाले वातावरण में उचित इन्फ्रास्ट्रक्चर के बगैर ग्रामीण अदालतों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जरूरत तो इस बात की है कि मौजूदा न्यायिक प्रणाली को और अधिक मजबूत किया जाए, ताकि लोगों को तुरंत न्याय मिल सके। ग्रामीण अदालतों में वकीलों के बगैर लोग कैसे न्याय पा सकेंगे, यह बिलकुल समझ से बाहर है तथा सरकार को जिद छोड़ कर ग्रामीण अदालतों को लागू करने के प्रस्ताव के आदेश को वापिस ले लेना चाहिए।