पंजाब वासी पंचायत चुनावों को राजनीति का अखाड़ा न बनने दें बल्कि आपसी भाईचारे को मजबूत करें – महिंदर सिंह हीर
(TTT) बहुजन ऐक्शन फ्रंट फॉर सोशल जस्टिस होशियसारपुर के नेता तथा समाजसेवी मास्टर महिंदर सिंह हीर ने पंचायत के चुनावों के दौरान पंजाब वासियों से अपील की है कि वे अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल करते हुए इन पंचायती चुनावों को राजनीति का अखाड़ा ना बनने दें बल्कि इस नाजुक समय में अपने आपसी भाईचारे को बना कर रखें। उन्होने कहा कि राजनीतिज्ञ इस तरह के अवसरों पर राजनीति खेल कर गांवों में बने हुए आपसी भाईचारे को खत्म करने का प्रयास करते हैं। उन्होने यह भी कहा की गांव का सरपंच/पंच किसी पार्टी का प्रतिनिधि नहीं होता बल्कि समूचे गांव का मुखिया होता है, जिसकी गांव के लोगों के प्रति बहुत बड़ी जिम्मेदारियां होती हैं। उन्होने दुखः प्रगट करते हुए कहा कि एक तरफ तो यह धोषणा हो रही है कि ये चुनाव पार्टी से उपर उठ कर बिना किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़े जायें दूसरी तरफ कुछ राजनीतिक पार्टियां अपनी गिरती हुई साख को बचाने के लिए पार्टी की विचारधारा रखने वालों को सरपंच/पंच बनाने की धोषणा कर रही हैं।
इस लिए आज यह बहुत जरुरी हो गया है कि पंजाब वासी सफझदारी का इस्तेमाल करते हुए पंजाब में आपसी भाईचारे को कायम रखने के लिए आपराधिक सोच रखने वाले, नशे के कारोबार से संबंधित, नशे का समर्थन करने वाले समाज सेवी, बेईमान , आपस में फूट डलवाने वाले तथा भ्रष्टाचार की सोच रखने वाले लोगों को एक तरफ करके समाज सेवी, ईमानदार तथाा अच्छी सूझ बूझ रखने वाले, आपसी भाईचारे को मजबूत करने वाले, लोकतंत्र को मजबूत करने वाले तथा अच्छा प्रभाव रखने वाले उम्मीदवारों को पंचायतों में अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए निष्पक्ष 5 यां 7 सदसीय चुनाव कमेटियां बना कर सर्वसम्मति से चुनाव करवायें। श्री हीर ने प्रैस नोट के माध्यम से कहा कि सभी सरकारों ने पंजाब को तबाही की तरफ धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, जिस कारण आज पंजाब बहुत जी नाजुक दौर से गुजर रहा है तथा संवैधानिक संस्थायें जैसे की ग्राम पंचायत, पंचायत समितियां, जिला परिषद, नगर पालिका तथा निगम के चुनाव को लम्बे समय तक लटकाये रखना, समय पर चुनाव न करवाना, भारतीय संविधान तथा लोकतंत्र के लिए खतरे की घण्टी है। इस लिए सभी पंजाब वासियों को लोकतंत्र को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी रोल अदा करने की जिम्मेदारी निभाने की अपील की जाती है। इस सब के लिए पंजाब सरकार जिम्मेवार है, जबकि यह संवैधानिक संस्थायें लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए पहली कड़ी के समान हैं। उन्होने पंजाब वासियों को यह भी सलाह दी कि गांवों में पढ़े लिखे सूझवान निष्पक्ष सोच रखने वाले तथा आपसी भाईचारे को मजबूत करने वाले प्रभावशाली लोगों की 5 यां 7 सदस्सीय कमेटी बना कर सर्वसम्मति से पंचायत का चुनाव करवाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभायें।