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वेक्टर बोर्न एवं वाटर बोर्न बीमारियों की रोकथाम के लिए लोगों का सहयोग जरूरी : सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा

वेक्टर बोर्न एवं वाटर बोर्न बीमारियों की रोकथाम के लिए लोगों का सहयोग जरूरी : सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा

होशियारपुर 19 जुलाई 2024(TTT) सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार जी की अध्यक्षता में सिविल सर्जन कार्यालय में वेक्टर बोर्न एवं वाटर बोर्न बीमारियों की रोकथाम के लिए एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिला एपीडिमोलोजिस्ट डॉ. जगदीप सिंह, एपीडिमोलोजिस्ट आईडीएसपी डॉ. शैलेश कुमार, जिले भर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद आसिफ, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर और बीसीसी कोऑर्डिनेटर अमनदीप सिंह ने भाग लिया और इन बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण पर चर्चा की। सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार ने सभी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को बताया कि वेक्टर जनित और जल जनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और डायरिया आदि के बारे में आम आदमी क्लिनिक के डॉक्टर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सीएचओ, एएनएम, मेल हेल्थ वर्कर और आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उन्हें इन बीमारियों से बचाव के प्रयासों के बारे में जागरूक किया जाए। गांवों के प्रमुख व्यक्तियों के साथ भी बैठकें की जाएं और उन्हें बताया जाए कि उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए। लोगों को इन बीमारियों के लक्षणों, विशेषकर डेंगू के गंभीर लक्षणों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए कि यदि तेज बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों और हड्डियों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द और उल्टी हो तो ऐसी स्थिति में नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। जितनी जल्दी हो सके जाओ जहां डेंगू की सभी जांच और इलाज मुफ्त है। क्योंकि अगर लोग इन गंभीर बीमारियों के प्रति जागरूक होंगे तो इन कारणों को रोकने या खत्म करने में विभाग का सहयोग करेंग डॉ. जगदीप सिंह ने कहा कि किसी भी बीमारी के फैलने पर तुरंत सूचना दी जानी चाहिए। सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर जिंक, ओआरएस एवं क्लोरीन की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित की जाये। ब्रीडिंग चेकिंग की दैनिक रिपोर्ट समय पर भेजना सुनिश्चित किया जाए।

डॉ. सलेश कुमार ने कहा कि उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जहां पिछले वर्षों में कोई भी आऊटब्रेक हुई थी। जिन क्षेत्रों में पिछले 5 वर्षों में गंदे पानी की शिकायत रही है और निचली भूमि के क्षेत्रों में पानी की सैंपलिंग सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही यदि सीवेज और पीने का पानी मिक्स हो रहा है तो उसका वीडियो बनाकर संबंधित उच्च अधिकारियों को भेजा जाए ताकि जल जनित बीमारियों को रोका जा सके।