अगर आप सरकार का यही रवैया रहा तो हम सभी केन्द्रों को अनिश्चित काल के लिए बंद रखेंगे- अमरीक सिंह जिला अध्यक्ष
होशियारपुर,(TTT) 29 जून: पंजाब राज्य के नशा मुक्ति केंद्रों और ओ.आ.ए.ट. क्लीनिकों के कर्मचारी पिछले 10 सालों से प्रथम श्रेणी के सैनिकों की तरह पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए दिन-रात सरकार का साथ दे रहे हैं, इन कर्मचारियों की भर्ती पूर्ण और पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक नियुक्तियों के माध्यम से पंजाब सरकार की नियमावली के अनुसार ठेके पर हुई थी। पिछली सरकारों ने उन्हें झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं दिया, लेकिन नशा मुक्ति केंद्रों के ठेका कर्मचारियों को ‘भगवंत मान‘ सरकार से उम्मीद की किरण जागी थी, जो की अब लुप्त होती नज़र आ रही है। पत्रकारों से बात करते हुए, नशा छुड़ाओ मुलाजिम यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष परमिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में कई विभागों में कर्मचारी बहुत कम वेतन पर काम कर रहे हैं और सरकारों द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है जबकि चुनावी घोषणापत्र में मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के मुद्दे को उठाने का वादा किया था, नई भर्ती की जगह पहले पुराने कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जाए। दिल्ली और हरियाणा सरकारों ने कच्चे कर्मचारियों के वेतन को नियमित कर्मचारियों के बराबर किया हुआ है। हम भगवंत मान सरकार से निवेन करते हैं कि वह पंजाब में भी इसी रोल मॉडल को लागू करे, और कर्मचारियों के रुके हुए वित्तीय भत्तों को बहाल करे और ठेका प्रणाली से बाहर निकाल कर उनकी सेवाओं को नियमित करने की मांग करे। अमरीक सिंह जिला अध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और नशा मुक्ति केंद्रों के कर्मचारियों ने कोविड के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात काम कर कोविड पर जीत हासिल की थी, और नशामुक्ति अभियान में सरकार का सहयोग कर रहे हैं, हर दिन 200 से 300 मरीज इन नशा मुक्ति केंद्रों पर दवा लेने आते हैं, ये कर्मचारी अभी भी सरकार की ओर से नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन मिलने के इनाम का इंतजार कर रहे हैं ताकि कर्मचारी अपनी अहम भूमिका बेहद ईमानदारी से निभा सकें। पिछले दो वर्षों में यूनियन ने स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री के साथ लगभग 20 बैठकें की हैं, जो बेनतीजा रही हैं, हरपाल चीमा, चेतन सिंह जौड़ा माजरा, डॉ गुरप्रीत कौर तक भी सम्पर्क किया गया, लेकिन हर बार की तरह, कर्मचारियों को निराशा का सामना ही करना पड़ा है। जिक्रयोग्य है कि पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान ने स्वयं यूनियन को चार बार लिखित बैठक देने के बावजूद भी कर्मचारियों के साथ एक भी बैठक नहीं की और वर्तमान सरकार भी पिछली सरकारों की रतह झूठे आश्वासन देने पर उतर आई है। जिसका परिणाम लोकसभा चुनाव में सरकार को मिल गया है। नशा मुक्ति केन्द्रों के कर्मचारियों के रोष के कारण शुक्रवार, 5 जुलाई को पंजाब भर के सभी नशा मुक्ति केंद्र हड़ताल के कारण बंद रहेंगे, और मरीजों को दवाएं नहीं मिलेंगी, और 6 जुलाई को, अन्य यूनियनों के समर्थन से जालंधर में एक विरोध रैली आयोजित करने जा रहे हैं और सरकार का पुतला फूंकेंगे। हम सरकार से निवेदन करते हैं कि कर्मचारियों के उचित अधिकार (नियमित और वित्तीय लाभ) उन्हें जल्द से जल्द दिए जाएं नहीं तो प्रदर्शन तेज हो जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।
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