क्रोनिक किडनी बीमारी तेजी से पसार रही पैर: डॉ. राका कौशल
होशियारपुर: (TTT)“’हमारे देश में हर साल 2.2 लाख नए मरीजों में क्रोनिक किडनी फेल्योर होता है और यह मृत्यु का छठा सबसे तेजी से बढ़ता कारण है, जो 2040 तक 5वां प्रमुख कारण बन सकता है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, बीपीएच, अनट्रीटेड किडनी स्टोन और यूटीआई भारत में किडनी फेलियर के मुख्य कारण हैं।“ आईवीवाई अस्पतालमें यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट के सीनियर डायरेक्टर डॉ. अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि आईवीवाई अस्पताल में हम सभी प्रकार के लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट कर रहे हैं, जिसमें हाई रिस्क ट्रांसप्लांट, पीडियाट्रिक ट्रांसप्लांट स्वैप केस, एबीओ असंगत ट्रांसप्लांट (नॉन-ब्लड ग्रुप स्पेसिफिक) और रीडो ट्रांसप्लांट शामिल हैं। नेफ्रोलॉजी की सीनियर डायरेक्टर डॉ. राका कौशल ने कहा कि पिछले एक दशक में इस बीमारी का प्रसार लगभग दोगुना हो गया है, और उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, तनाव और अस्वास्थ्यकर खान-पान जैसे जोखिम कारकों में वृद्धि के कारण इसके और बढ़ने की उम्मीद है। आईवीवाई में नेफ्रोलॉजी की सीनियर डायरेक्टर डॉ. राका कौशल ने कहा कि किडनी दिन में लगभग 400 बार रक्त फ़िल्टर करती है। यदि किडनी ठीक से काम नहीं करती है, तो वे क्रोनिक किडनी रोग का कारण बन सकती है। वर्षों से अनियंत्रित उच्च रक्तचाप व हाई ब्लड शुगर इसके पीछे संभावित कारण हो सकते हैं। किडनी की बीमारियों से खुद को बचाने के लिए, रक्तचाप को कम करने के लिए नमक का सेवन कम करना चाहिए और शराब पीने और धूम्रपान से बचना चाहिए। शारीरिक रूप से फिट और सक्रिय रहने से किडनी की बीमारियों को रोकने में भी मदद मिलती है।
डॉ. अविनाश श्रीवास्तव ने कहा, हम सभी प्रकार के लिविंग डोनर प्रत्यारोपण कर रहे हैं जिनमें उच्च जोखिम वाले प्रत्यारोपण, बाल चिकित्सा प्रत्यारोपण. स्वैप मामले, एबीओ इन्कम्पैटबल प्रत्यारोपण और दोबारा प्रत्यारोपण शामिल हैं, डॉ. अविनाश ने बताया।