संत बीबी मीना देवी जी एवं संत बाबा अमनदीप जी के कुशल नेतृत्व में संत रतन दास महाराज जी की वार्षिक बरसी के अवसर पर एक धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया।
(TTT) विभिन्न धार्मिक स्थलों से संत महापुरुष पहुंचे और धार्मिक प्रवचन किए
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
ब्रह्मलीन 108 डेरा रतनपुरी जेजो दोआबा जिला होशियारपुर में संत रतन दास महाराज जी की 41वीं जयंती डेरे के मुख्य संचालक संत बीबी मीना देवी जी मंच सचिव श्री गुरु रविदास साधु सम्पदा और संत बाबा अमनदीप जी के कुशल नेतृत्व में देश-विदेश से आई संगतों के साथ के सहयोग से श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सबसे पहले चल रही श्री अखंड पाठों के भोग डाले गए इसके बाद कीर्तनी जत्थों और संतों ने धार्मिक प्रवचन देकर संगत को संत बाबा रतन दास महाराज जी के परोपकारी कार्यों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर संत कुलवंत राम भरोमजारा, संत सतनाम दास महदूद, संत रमेश दास शेरपुर ढक्को, संत मेजर दास, संत शीतल दास कालेवाल भगतां, संत जसविंदर सिंह डाडियां, संत ऋषि राज नवांशहर, संत स्वामी दिनेश गिरी होशियारपुर, संत करमजीत सिंह दमदमी टकसाल , संत बलवीर सिंह लंगेरी सहित नबरदार प्रवीण सोनी, संदीप चंदेली, प्रोफेसर हरबंस सिंह बोलीना और देश-विदेश से आए कई लोग मौजूद रहे। समारोह में सांसद डॉ. राज कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे और उन्होंने अपने संबोधन में लोगों को संत रतन दास महाराज के बताये रास्ते पर चलने के लिए प्रेरत किया. इस अवसर पर स्टेज सचिव मास्टर चन्नन राम ने कहा कि 25 अगस्त को प्रबुद्ध फाउंडेशन गुराया द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के जीवन को लेकर एक परीक्षण आयोजित किया जाएगा, जिसका केंद्र जेजो दोआबा में बनाया गया है। इस अवसर पर डॉ. प्रभ हीर की पूरी टीम द्वारा डॉ. जसवन्त सिंह थिंद एसएमओ सिविल अस्पताल माहिलपुर के पूर्ण सहयोग से एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। समारोह के समापन के बाद डेरे की मुख्य प्रशासिका संत बीबी मीना देवी जी ने श्रद्धालुओं को धार्मिक प्रवचन किए और ‘जल्दी उठो संगतो, नाम जप्य करो संगतो’ शबद सुनाकर श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रंग से सराबोर कर दिया. कार्यक्रम के अंत में गुरु के लंगर वितरण किया गया। समारोह में पहुंचे महान संतों को संत बीबी मीना देवी जी एवं संत बाबा अमनदीप जी ने वस्त्र एवं भेटा देकर विशेष सम्मान किया। इस अवसर पर डेरा रतनपुरी जेजो दोआबा से जुड़े श्रद्धालुओं की ओर से सेवा करके गुरु घर की खुशियां प्राप्त कीं।