चाय वाले से प्रधानमंत्री बनने तक की कहानी
(TTT)प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने बहुत ही कम उम्र में अपना घर छोड़ दिया था। स्टेशन पर चाय बेचने वाले से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर उनके लिए आसान नहीं था। इस साल पीएम मोदी अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी ऐसे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री है जिन्होंने लालकिले के प्राचीर से लगातार देश को 9 बार संबोधित किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आज देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में गूंज रहा है। देशवासियों के साथ ही पीएम मोदी विदेश में रहने वालों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं। इस साल पीएम मोदी अपना 73 जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर हम आपको पीएम मोदी के जीवन से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताएंगे।
1- पीएम मोदी का बचपन
पीएम मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। नरेंद्र मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी है। इनका जन्म दामोदरदास मूलचंद मोदी और हीराबेन के यहां हुआ। पीएम मोदी की शुरुआती शिक्षा वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में हुई।उन्हें बचपन से ही एक्टिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिता और नाटकों का काफी शौक था, जिसका हिस्सा बनकर उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं। अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान पीएम मोदी एनसीसी कैडेट का हिस्सा भी रहे। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी में मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से संबंधित 3 महीने का कोर्स भी किया है।
2- चायवाला प्रधानमंत्री का कहानी’
पीएम मोदी के पिता की वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी, जहां मोदी भी अपने पिता की मदद करने जाते थे। इसी कारण आज भी लोग इन्हें चायवाला प्रधानमंत्री बुलाते हैं। इस दौरान उन्होंने 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान स्टेशन से गुजर रहे भारतीय सैनिकों को चाय पिलाई और उन्होंने सोच लिया था कि वह बड़े होकर देश की सेवा के लिए भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे।
3- पीएम मोदी का परिवार
पीएम मोदी अपने माता-पिता की छह संतान में तीसरे नंबर पर थे। इनके माता-पिता का निधन हो गया है और इनके चार भाई और एक बहन है। इनके भाई के नाम सोमा मोदी, अमृत मोदी, प्रहलाद मोदी, पंकज मोदी है, जो अपने-अपने व्यवसायों को संभाल रहे हैं। इनकी बहन का नाम वसंतीबेन हसमुखलाल मोदी है। पीएम मोदी ने 18 साल की उम्र में शादी कर ली थी, लेकिन उसके कुछ सालों बाद यह अपना घर छोड़कर चले गए। इसके बाद से वह अपने परिवार से अलग ही रहते हैं।
4- आरएसएस से पीएम मोदी का रिश्ता
पीम मोदी बचपन में ही आरएसएस का हिस्सा बन गए थे। 1958 में दीपावली के मौके पर गुजरात प्रांत के प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार ने इन्हें बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई और इसके बाद यह धीरे-धीरे संघ के सक्रिय सदस्य बन गए। अपने शुरुआती दिनों में पीएम मोदी को स्कूटर चलानी नहीं आती थी, इसलिए उस दौरान भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के साथ घूमा करते थे।
5- पीएम मोदी का राजनीतिक सफर
पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन में लाल कृष्ण आडवाणी को उनका राजनीतिक गुरु माना जाता है। 1985 में पीएम मोदी ने राजनीतिक दुनिया में कदम रखा और भाजपा से जुड़ गए। इसके बाद लगातार इन्हें पार्टी में कई बड़ी जिम्मेदारियां मिलने लगीं। इसके बाद 1988-89 में पीएम मोदी को गुजरात भाजपा में महासचिव की जिम्मेदारी मिली। 1995 में पीएम मोदी को उनकी सक्रियता और मेहनत के लिए भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया।
6- 2001 में बनाए गए मुख्यमंत्री
साल 2001 में गुजरात में आए भीषण भूकंप के बाद काफी तबाही मची थी। लापरवाही के कारण तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नरेंद्र मोदी को दिल्ली से गुजरात भेजा गया और पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद लगातार चार सालों तक इस पद को संभाला। साल 2012 में नरेंद्र मोदी को पीएम चेहरे के लिए प्रचारित किया जाने लगा।
7- 2014 से पीएम मोदी ने ली पीएम पद की शपथ
साल 2014 में लोकसभा चुनाव का आयोजन किया गया। इस दौरान नरेंद्र मोदी को एनडीए ने पीएम चेहरा चुना। साल 2014 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए कीर्तिमान था, क्योंकि पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी सरकार से बहुमत हासिल की थी, उस दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पीएम मोदी ने 282 सीटें हासिल कीं। इसके बाद इसी तरह 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर पीएम मोदी ने इतिहास रचते हुए पीएम पद की शपथ ली।
पीएम मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है, जिन्होंने लालकिले के प्राचीर से लगातार देश को 9 बार संबोधित किया है। साल 2019 के बाद से अब तक लगातार पीएम मोदी की पहचान, सम्मान और कार्य प्रगति को लेकर देश-विदेश से काफी सराहा जा रहा है। इतना ही नहीं विदेशों में रहने वाले भारतीय भी आज पीएम मोदी की एक झलक के दीवाने बन गए हैं।
8- पीएम मोदी को कई देशों ने किया सम्मानित
पीएम को दुनिया भर के देशों से कई शीर्ष सम्मान मिल चुके हैं। हाल ही में उनके ग्रीस दौरे पर उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ (The Grand Cross Of The Order Of Honour) से सम्मानित किया गया।
जुलाई 2023 में फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा देश के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।जून, 2023 में मिस्र द्वारा ऑर्डर ऑफ द नाइल से सम्मानित किया गया।
मई 2023 में पापुआ न्यू गिनी की ओर से कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू से सम्मानित किया गया था।
मई में कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया गया था।
पीएम मोदी को 2019 में मालदीव की ओर से ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन से नवाजा गया था।2019 में रूस की ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू से पीएम नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया गया था।
2019 में यूएई द्वारा ऑर्डर ऑफ जायद अवॉर्ड से पीएम सम्मानित हुए थे।
2018 में ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन अवॉर्ड भी दिया गया है।
2016 में अफगानिस्तान की ओर से गाजी अमीर अमानुल्लाह खान का राज्य आदेश और 2016 में सउदी अरब द्वारा अब्दुल अजीज अल सऊद का आदेश दिया गया था।